#mahashivratri
Fri, 24 Feb 2017 17:44:14
काशीपते करुणया जगदेतदेक-
स्त्वंहंसि पासि विदधासि महेश्वरोऽसि ॥
हे काशीश्वर ! एक तुम्हीं करूणावश इस जगत् की उत्पति, पालन और संहार करते हो; प्रभो ! तुम ही इसके एक मात्र स्वामी हो ||
काशीपते करुणया जगदेतदेक-
स्त्वंहंसि पासि विदधासि महेश्वरोऽसि ॥
हे काशीश्वर ! एक तुम्हीं करूणावश इस जगत् की उत्पति, पालन और संहार करते हो; प्रभो ! तुम ही इसके एक मात्र स्वामी हो ||